खाद (Fertilizer) का विस्तृत अध्ययन
खाद कृषि में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करके मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने का कार्य करती है। खाद मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है – जैविक खाद (Organic Fertilizer) और रासायनिक खाद (Chemical Fertilizer)। इनके अलावा, कुछ विशेष प्रकार की खादें भी होती हैं, जो विशेष उद्देश्यों के लिए प्रयोग की जाती हैं।
1. जैविक खाद (Organic Fertilizer)
जैविक खाद प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होती है और बिना किसी हानिकारक प्रभाव के मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करती है।
(A) जैविक खाद के प्रकार
(i) गोबर खाद (Farmyard Manure - FYM)
👉 गाय, भैंस आदि पशुओं के गोबर और मूत्र को मिलाकर तैयार की जाती है।
👉 यह मिट्टी में जैविक पदार्थ बढ़ाती है और उसकी जलधारण क्षमता सुधारती है।
(ii) वर्मी कम्पोस्ट (Vermicompost)
👉 केंचुओं की मदद से जैविक कचरे को विघटित करके तैयार की जाती है।
👉 यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है और मिट्टी की संरचना सुधारती है।
(iii) हरित खाद (Green Manure)
👉 दलहनी फसलों (जैसे ढैंचा, सन, मूंग, उड़द) को मिट्टी में दबाकर बनाई जाती है।
👉 यह मिट्टी में जैविक पदार्थों की मात्रा बढ़ाती है और नाइट्रोजन की पूर्ति करती है।
(iv) कम्पोस्ट खाद (Compost Manure)
👉 पत्तियों, फल-सब्जियों के छिलकों, सूखे पौधों और कचरे से बनाई जाती है।
👉 यह मिट्टी में सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या बढ़ाती है, जिससे मिट्टी उपजाऊ बनती है।
(v) हड्डी खाद (Bone Meal)
👉 पशुओं की हड्डियों को पीसकर बनाई जाती है।
👉 इसमें फास्फोरस और कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है।
(vi) जैव उर्वरक (Bio-Fertilizers)
👉 ये सूक्ष्मजीवों (Bacteria, Fungi, Algae) से तैयार किए जाते हैं।
👉 उदाहरण:
राइजोबियम (Rhizobium) – नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मदद करता है।
एज़ोटोबैक्टर (Azotobacter) – गैर-जीवाणु नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है।
फॉस्फेट सोल्युब्लाइजिंग बैक्टीरिया (PSB) – मिट्टी में मौजूद फास्फोरस को पौधों के लिए उपलब्ध कराता है।
(B) जैविक खाद के लाभ
✅ मिट्टी की उर्वरता और जल धारण क्षमता बढ़ती है।
✅ लम्बे समय तक प्रभावी रहती है।
✅ पर्यावरण के लिए सुरक्षित होती है।
✅ भूमि के पीएच मान (pH value) को संतुलित रखती है।
(C) जैविक खाद की सीमाएं
❌ खाद को तैयार होने में अधिक समय लगता है।
❌ त्वरित परिणाम नहीं देती।
❌ बड़े पैमाने पर तैयार करना कठिन होता है।
2. रासायनिक खाद (Chemical Fertilizer)
रासायनिक खाद कृत्रिम रूप से तैयार की जाती है और इसमें विशिष्ट पोषक तत्वों की अधिक मात्रा होती है, जिससे फसलों की पैदावार तेजी से बढ़ती है।
(A) रासायनिक खाद के प्रकार
(i) नाइट्रोजन युक्त खाद (Nitrogenous Fertilizer)
👉 यह पौधों की वृद्धि में मदद करता है और हरे रंग की पत्तियों को विकसित करता है।
👉 उदाहरण:
यूरिया (Urea) – (N: 46%)
अमोनियम सल्फेट (Ammonium Sulphate) – (N: 21%)
कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट (CAN) – (N: 25-27%)
(ii) फास्फोरस युक्त खाद (Phosphatic Fertilizer)
👉 यह जड़ प्रणाली को मजबूत करता है और फूल व फल बनने में सहायता करता है।
👉 उदाहरण:
सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) – (P2O5: 16%)
डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) – (N: 18%, P2O5: 46%)
(iii) पोटाश युक्त खाद (Potassic Fertilizer)
👉 यह पौधों को रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है और फलों के आकार को बढ़ाता है।
👉 उदाहरण:
म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) – (K2O: 60%)
पोटेशियम सल्फेट (SOP) – (K2O: 50%)
(iv) मिश्रित खाद (Complex Fertilizer)
👉 इनमें दो या अधिक पोषक तत्व होते हैं।
👉 उदाहरण:
NPK (10:26:26)
NPK (12:32:16)
(B) रासायनिक खाद के लाभ
✅ पौधों को जल्दी पोषक तत्व मिलते हैं।
✅ उत्पादन तेजी से बढ़ता है।
✅ सीमित क्षेत्र में अधिक उपज संभव होती है।
(C) रासायनिक खाद के नुकसान
❌ अधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है।
❌ लवणता बढ़ने से भूमि बंजर हो सकती है।
❌ पानी और पर्यावरण को प्रदूषित कर सकती है।
3. अन्य विशेष खादें
(i) सूक्ष्म पोषक तत्व खाद (Micronutrient Fertilizer)
👉 पौधों को जिंक, आयरन, मैंगनीज, बोरॉन, तांबा आदि की पूर्ति करता है।
👉 उदाहरण: जिंक सल्फेट, फेरस सल्फेट।
(ii) नियंत्रित उत्सर्जन खाद (Slow Release Fertilizer)
👉 यह खाद धीरे-धीरे पोषक तत्व छोड़ती है, जिससे लम्बे समय तक प्रभाव रहता है।
4. खाद और उर्वरकों में अंतर
विशेषता खाद उर्वरक
उत्पत्ति जैविक रासायनिक
पोषक तत्व कम मात्रा में अधिक मात्रा में
प्रभाव धीमा तेज
पर्यावरण प्रभाव अनुकूल हानिकारक हो सकता है
मिट्टी की उर्वरता पर प्रभाव बढ़ती है घट सकती है
5. संतुलित उर्वरक उपयोग की आवश्यकता
👉 जैविक और रासायनिक खाद का संतुलित उपयोग करना चाहिए।
👉 फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाकर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखी जा सकती है।
👉 जैव उर्वरकों के उपयोग से रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम हो सकती है।
निष्कर्ष
खाद फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हालांकि, किसानों को जैविक और रासायनिक खाद का संतुलित उपयोग करना चाहिए ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे और पर्यावरण सुरक्षित रहे। 🌱🚜
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