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चम्पा (Plumeria) plant care and tips in hindi

 चम्पा (Plumeria) एक सुंदर और सुगंधित फूलों वाला पौधा है, जिसे आमतौर पर "फ्रेंच प्लमरिया" भी कहा जाता है। यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। चम्पा की देखभाल के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

वानस्पतिक नाम - प्लूमेरिया


सामान्य नाम - फ्रेंगिपानी, नोज़गे, प्लूमेरिया, चंपा, पगोडा वृक्ष, मंदिर वृक्ष, हजारी मूर्ख।परिवार एपोसिनेसी मूल वृक्ष मेक्सिको, मध्य अमेरिका और वेनेज़ुएला


पेड़ का आकार. 10 से 25 मीटर ऊँचा

प्लूमेरिया पेड़ का रंग - लाल,सफेद,पीला, बीच में छोटे पीले फूल और भी बहुत रंग


मिट्टी का प्रकार - कैक्टस पॉटिंग मिक्स, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी।

मौसम - मई और नवंबर -

फूल - विषैली

चम्पा की पत्तियाँ पशुओं के लिए हानिकारक होती हैं

1. प्रकाश (Light)


चम्पा को अच्छी धूप की आवश्यकता होती है। इसे दिन में कम से कम 6 घंटे सूरज की सीधी रोशनी मिलनी चाहिए। अधिक धूप मिलने से फूल अच्छे आते हैं और पौधा स्वस्थ रहता है।


2. मिट्टी (Soil)

चम्पा के पौधे को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी पसंद होती है। मिट्टी में थोड़ी सी रेत मिलाने से जल निकासी बेहतर होती है। यह हल्की, रेतीली या जैविक पदार्थों से भरपूर मिट्टी में अच्छे से उगता है।


3. पानी (Watering)

चम्पा को पानी देने में सावधानी बरतें। ज़्यादा पानी देने से जड़ सड़ सकती है। गर्मी के मौसम में सप्ताह में 2-3 बार पानी दें, और सर्दियों में इसे थोड़ा कम कर दें। मिट्टी में नमी बनी रहे, लेकिन ज्यादा गीला न हो, इसका ध्यान रखें।


4. खाद (Fertilizer)

चम्पा को हर 15-20 दिन में एक बार तरल जैविक या रासायनिक खाद देना चाहिए। विशेष रूप से फूल आने के मौसम में इसे पोषण की अधिक आवश्यकता होती है। आप सामान्य NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) खाद का उपयोग कर सकते हैं।


5. वातावरण (Temperature and Humidity)

चम्पा गर्म और आर्द्र वातावरण में अच्छे से बढ़ता है। तापमान 20-30°C के बीच आदर्श रहता है। सर्दियों में इसे ठंडी हवाओं से बचाएं, क्योंकि यह पौधा ठंडे मौसम में अच्छे से नहीं बढ़ता।


6. छंटाई (Pruning)

पौधे को आकार में रखने और उसे स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित रूप से मृत या खराब शाखाओं की छंटाई करें। इसकी छंटाई फूल आने के बाद करनी चाहिए, ताकि अगले सीजन में नए फूल अच्छे से उग सकें।


7. कीट और रोग (Pests and Diseases)

चम्पा के पौधे को कभी-कभी कीटों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि एफिड्स, स्पाइडर माइट्स, या सफेद मक्खियाँ। इन्हें कीट नाशक से नियंत्रित किया जा सकता है। ध्यान रखें कि पौधे की पत्तियों पर पानी न गिरने पाए, ताकि फंगल संक्रमण न हो।


8. प्रजनन (Propagation)

चम्पा के पौधे को कटिंग के द्वारा आसानी से बढ़ाया जा सकता है। एक स्वस्थ शाखा को काटकर, उसे कुछ दिन सूखने दें और फिर इसे मिट्टी में लगाएं। इसके बाद धीरे-धीरे जड़ें विकसित होती हैं और नया पौधा तैयार होता है।


इन उपायों को ध्यान में रखकर, आप चम्पा के पौधे की सही देखभाल कर सकते हैं और सुंदर फूलों का आनंद ले सकते हैं।
चंपा के पेड़ों को तने की कटिंग से आसानी से प्रचारित किया जा सकता है। यहां बताया गया है:

1. चंपा के पौधे से 6 इंच लंबी, स्वस्थ कटिंग चुनें जिसका रंग कुछ हरा हो; उन लोगों से दूर रहें जो मुरझाए हुए और भूरे रंग के हों।

2. उसके बाद, तेज कैंची की एक जोड़ी का उपयोग करके, कटिंग से सभी पत्तियों को हटा दें/काट दें। आप देखेंगे कि कटिंग के नीचे से कुछ तरल पदार्थ टपक रहा होगा।

3. आपको कटिंग को 5-7 दिनों तक छाया में रखना चाहिए। इसी तरह, पौधा नीचे के हिस्से को ठीक करता है और सुरक्षा की एक परत बनाता है।

4. इस पर एक सफेद कोटिंग विकसित हो गई है और अब यह लगभग 5-7 दिनों के बाद रोपण के लिए तैयार है। अब 4 से 6 इंच व्यास का एक गमला लें।

 5.हवा के आने-जाने और अतिरिक्त पानी के निकास के लिए नीचे एक छेद बनाएं।

6.निम्नलिखित अनुपात के साथ गमले की मिट्टी बनाएं: बगीचे की मिट्टी, 1 भाग कोको पीट, और 1 भाग रेत  कंटेनर को इस गमले की मिट्टी से भर देना चाहिए, शीर्ष पर एक से दो इंच छोड़ देना चाहिए। 
 
7.यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो कटाई के 15 से 20 दिनों के बाद पत्तियां उगनी शुरू हो जाएंगी, जिस समय आप उन्हें पूरी धूप में रख सकते हैं।


8.जब पौधे में पर्याप्त पत्तियाँ हों, तो आपको इसे एक बड़े गमले में, बेहतर होगा कि 8 इंच व्यास वाले गमले में डाल दें, क्योंकि चंपा के पौधे बड़े हो सकते हैं।

 9.वही गमले की मिट्टी तैयार करें, उसमें 8 इंच का गमला भरें और फिर इस कटिंग को उसमें रोपें। चंपा के पौधे के पनपने और फूल पैदा करने के लिए समृद्ध, तेजी से बहने वाली मिट्टी आवश्यक है।

10.पॉटिंग मिश्रण में हमेशा ढेर सारी रेत और गुणवत्तापूर्ण उर्वरक का उपयोग करें, जैसे कि यह। कृपया इसे ऐसे स्थान पर रखें जहां सीधी धूप मिल सके क्योंकि इसे बढ़ने और फूलने के लिए इसी की आवश्यकता होती है।

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