पारिजात plant ki all care and tips in Hindi

पारिजात फूल दिव्य

पारिजात फूल या रात्रि-फूल वाला मूंगा चमेली एक दिव्य फूल है जिसकी जड़ें स्वर्ग में हैं क्योंकि यह विष्णु का फूल है। यह फूल भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और उनके अवतारों का पसंदीदा माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह पेड़ देवताओं और राक्षसों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के परिणामस्वरूप निकला था। भगवान इंद्र ने इस पेड़ को पाया और इसे स्वर्ग में ले आए जहाँ इसके सुंदर और सुगंधित फूल पेड़ के नीचे फैल गए और देवताओं को प्रसन्न किया।


पारिजात (जिसे "हरिया" या "चमेली" भी कहा जाता है) एक महत्वपूर्ण औषधीय और धार्मिक पौधा है। यह पौधा भारत में विशेष रूप से पाया जाता है और इसे इसकी सुंदर सफेद, सुगंधित फूलों के लिए जाना जाता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:


1. वैज्ञानिक नाम: पारिजात का वैज्ञानिक नाम Nyctanthes arbor-tristis है।


2. धार्मिक महत्त्व - पारिजात को हिन्दू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है। यह भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है और अक्सर पूजा में उपयोग किया जाता है।

3. फूल और पत्तियाँ - इसके फूल सफेद रंग के होते हैं और इनमें अत्यधिक सुगंध होती है। इसके पत्तों और फूलों का उपयोग औषधीय रूप से भी किया जाता है।

4. औषधीय गुण -  पारिजात के पत्तों और फूलों में कई औषधीय गुण होते हैं। ये दर्द, बुखार, सूजन, और शरीर में अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। पारिजात के अर्क का उपयोग स्किन इंफेक्शन और अन्य त्वचा रोगों के इलाज में भी किया जाता है।


5. वृक्ष का आकार - यह एक छोटा, सदाबहार वृक्ष होता है जो 10 से 12 मीटर तक ऊँचा हो सकता है। इसकी शाखाएँ और पत्तियाँ बहुत सुंदर होती हैं।


6. प्राकृतिक सजावट - इसके फूलों की खूबसूरती और खुशबू के कारण इसे बाग-बगिचों में सजावटी पौधे के रूप में लगाया जाता है।


7. निशाचर (रात्रिकालीन) वृक्ष - पारिजात की खासियत यह है कि इसके फूल रात में खिलते हैं और सुबह होते ही गिर जाते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।


 इसकी देखभाल के लिए इसे धूप वाली जगह पर रखें और नियमित रूप से पानी दें।

पारिजात पौधा भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है और कई जगहों पर यह घरों के आंगन में पाया जाता है।

पारिजात पौधा सामान्यत - बाहरी (आउटडोर) पौधा होता है। इसे अच्छे सूरज की रोशनी और खुले स्थान में बढ़ने के लिए आदर्श वातावरण मिलता है। यह पौधा अच्छे जल निकासी वाली मिट्टी में बेहतर विकसित होता है और इसे गर्म वातावरण पसंद आता है।

हालांकि, यदि आपके पास बाहरी स्थान नहीं है, तो आप इसे इनडोर भी उगा सकते हैं, लेकिन इसके लिए अधिक धूप और अच्छे वेंटिलेशन की आवश्यकता होगी। इनडोर में इसे सूरज की रोशनी मिल सके, इसके लिए खिड़की के पास रखना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। 
पारिजात पौधे की देखभाल कैसे करें जानते हैं  (Parijat Plant Care)


पारिजात (अर्थात् "नाइट-जैस्मिन" या "हरसिंगार") एक सुंदर और सुगंधित पौधा है, जो अपनी सफेद और नारंगी फूलों के कारण बहुत प्रसिद्ध है। इसे सही देखभाल और ध्यान देने की आवश्यकता होती है। यहाँ पर पारिजात पौधे की देखभाल के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए जा रहे हैं:

1. प्रकाश:

पारिजात पौधा सूरज की रोशनी को पसंद करता है, लेकिन उसे सीधे तेज़ सूरज से बचाकर रखना चाहिए।

इसे दिन में कम से कम 4-6 घंटे की धूप मिलनी चाहिए।


2. मिट्टी - 

पारिजात के लिए अच्छी जल निकासी वाली हल्की और रेतीली मिट्टी आदर्श होती है।

इसे कुछ हद तक थोड़ी अम्लीय (pH 6-7) मिट्टी में उगाना अच्छा रहता है।


3. जल देना -

इस पौधे को नियमित रूप से पानी देना चाहिए, लेकिन जल निकासी की समस्या से बचने के लिए ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए।

सर्दी के मौसम में पानी की मात्रा कम कर दें, क्योंकि ठंड में पौधे को कम पानी की आवश्यकता होती है।


4. खाद -

उर्वरक का प्रयोग समय-समय पर करना चाहिए ताकि पौधे को सही पोषक तत्व मिलें।

आप हर 4-6 सप्ताह में तरल उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं।

प्राकृतिक खाद, जैसे कि गोबर की खाद, भी अच्छे परिणाम दे सकती है।


5. प्रसंस्करण (Pruning) - 

पारिजात के सूखे और मुरझाए हुए फूलों को हटा देना चाहिए ताकि पौधा स्वस्थ रहे।

इसके अलावा, समय-समय पर पौधे की छंटाई करें ताकि वह घना और स्वस्थ रहे।


6. तापमान - 

पारिजात पौधा गर्म और उमस भरे मौसम में अच्छा उगता है। ठंडी और बर्फबारी से इसे बचाकर रखना चाहिए।

आदर्श तापमान 18-30°C के बीच रहता है।


7. कीट और रोग-

इस पौधे को सामान्य कीटों से बचाकर रखना चाहिए, जैसे कि मच्छर, चींटियाँ और सफेद मक्खियाँ।

यदि कोई कीट दिखाई दें, तो आप जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ध्यान रखें कि पौधे में किसी भी तरह के फंगस या कवक (fungus) का प्रभाव न हो।


8. पौधे का स्थान:

अगर आप इसे गमले में उगाते हैं, तो गमले के निचले भाग में अच्छे जल निकासी छेद सुनिश्चित करें।

यदि इसे बगिया में उगाते हैं, तो उसकी जड़ें बहुत गहरी नहीं होनी चाहिए। जमीन के स्तर से थोड़ा ऊपर रखकर पौधा उगाएं।


9. फूलों की देखभाल:

पारिजात के फूल रात में खिलते हैं, और सुबह तक मुरझा जाते हैं। इनकी सफाई नियमित रूप से करें ताकि पौधे का आकर्षण बना रहे।

पारिजात पौधा अच्छे देखभाल से खुश रहता है और आपके बगिया को सुंदर और सुगंधित बना देता है।

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